एक किताब की तरह हूँ मैं कितनी भी पुरानी हो जाए.
पर उसके अलफ़ाज़ नहीं बदलेंगे कभी याद आये तो पन्ने
पलट कर देखना हम आज जैसे है कल भी
वैसे ही मिलेंगे....
एक किताब की तरह हूँ मैं कितनी भी पुरानी हो जाए.
पर उसके अलफ़ाज़ नहीं बदलेंगे कभी याद आये तो पन्ने
पलट कर देखना हम आज जैसे है कल भी
वैसे ही मिलेंगे....
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